Friday, June 1, 2012

क्या है आपकी प्लेट में: स्वास्थ्य vs Evolution



हम भले ही मानते रहें कि मनुष्यों की उत्पत्ति मनुस्मृति के अनुसार मनु से हुई हो.. या फिर Adam और Eve से हुई हो, पर सत्य तो यही है कि हम evolution से आये हैं.. सृष्टि पर जीवन का सृजन सूक्ष्म जैविक अणुवों से हुआ है (पूर्णतः physico-chemical कारणों से).. खैर इस विवाद न पड़कर फिलहाल थोड़े देर के लिए मान लेते हैं कि 'डार्विन' ने जो देखा-समझा सही था, तो एक बात ये आती है कि लगभग सभी जीवों का आधार जल है- मनुष्य का शरीर भी ७० प्रतिशत जल है. और इस तथ्य का सीधा सम्बन्ध हमारे खाने-पीने के तरीकों से जुड़ा है. पृथ्वी भी ७० प्रतिशत जल है.. evolution से जोड़कर देखें तो हमारा भोजन भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए.. ७० प्रतिशत जल/क्षार आधारित कच्चा भोजन और सिर्फ ३० प्रतिशत गरिष्ठ भोजन (जिसमें शामिल हैं प्रोटीन, कार्ब और वसा/fat). जबकि हम करते बिलकुल उल्टा हैं.. हमारी प्लेट का अधिकाँश हिस्सा भरा होता है इन्ही गरिष्ठ तत्वों से. इसका सीधा प्रभाव पड़ता है dietary imbalance पे, और नतीजतन मोटापा, डायबीटीज़ और कैंसर जैसी बीमारियाँ आम बात हो गयी हैं..

अब प्रश्न ये उठता है कि 'समाधान क्या है?' 

१. मात्रा: भोजन में कच्चे अवयवों की मात्र बढ़ाएं (जैसे salads , शाक (साग), कच्ची सब्जियां)
२. रंग: लाल-पीले-हरे यानि कि रंग वाले शाक-सब्जियों और फलों का सेवन  ज्यादा से ज्यादा करें.. (अर्थात, आम, चुकुन्दर, पपीता, पालक इत्यादि)
३. Good oil : वो तेल जिनमे ओमेगा ३ फैटी-एसिड की मात्रा पर्याप्त हो (जैसे: Flaxseed oil , olive oil , सरसों तेल में भी ओमेगा ३ की अच्छी मात्रा होती है)...
४.  Say no : भोजन में processed foods, transfat में बने भोजन, फास्ट-फ़ूड इत्यादि की मात्रा कम से कम रखें.
५. 3 S मंत्र: Sugar Salt and Sleep : कम से कम extra sugar, salt और पर्याप्त निद्रा- कहा जाता है कि 3S मंत्र को नियमित रखने वालों को बहुत कम ज़रुरत पड़ती है doctors की.

 
Shortcut में बात बस इतनी सी है, कि कच्चा खायी जानेवाली चीज़ों को diet  में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें, और processed food को- टाटा बाय बाय.. :)
और फिर चमकिये, झमकिये, खूब मौज-मस्ती कीजिये.. आखिर यही तो है.. ज़िन्दगी :) :)

Picture Courtesy: http://www.causematters.com/wp-content/uploads/eatwellplatelarge.jpg