Thursday, February 9, 2012

Trans-fats : बच के रहना रे बाबा!


कई दिनों से इच्छा हो रही थी 'आरोग्यं' शुरू करूँ. वैसे भी मेरे अनुसंधान के करियर में एक Med School  में काम करना मुझे एक नया आयाम देता जा रहा है! बहुत कुछ नया मिला है सीखने को. और निश्चित ही २-३ महीने बाद आरोग्यं पर नियमित लिखा करूँगा! 
फिलहाल तो एक जानकारी 'trans -fat ' के बारे में-
 'trans -fat ' प्राकृतिक रूप में बहुत कम ही पाया जाता है, दूध में कुल fat का १-४ प्रतिशत ही 'trans -fat ' होता है. पौधों से प्राप्त वसा में इसकी मात्रा लेष भर भी नहीं होती. परन्तु जब प्राकृतिक वसा industry में processing की जाती है, तब कुल वसा में 'trans -fat ' की मात्रा ४५ % तक हो सकती है. ऐसे 'तेल' का प्रयोग ही ज़्यादातर 'fast -food ' वाले रेस्तरां में हुआ करता है, कारण ये है की 'trans -fat ' deep -frying के लिए उपयुक्त होता है, एक ही कढ़ाई में बार बार एक ही तेल का प्रयोग करने से भी इसमें बदबू नहीं आती, बहुत टिकाऊ होता है, जल्दी ख़राब नहीं होता! 
ये तो हुआ गुणों का बखान!
अब बचना क्यूँ है इससे फिर? 
कारण ये है कि 'trans -fat ' शरीर द्वारा पचाया नहीं जा सकता है. अतः ये रक्त-नलियों में जमा होने लगता है, और इसके अलावा 'adipose -tissue ' में भी (वसा संरक्षित करने वाली कोशिकाएं). 

 'trans -fat ' का कैंसर में बहुत असर पाया गया है शोधों में. ह्रदय-रोग का भण्डार लेकर आता है ये 'trans -fat ', साथ ही सहायक होता है मधुमेह में, मोटापे में, यहाँ तक भी मनोरोगों में भी! पूरी लिस्ट लिखूं तो पन्ना भर जाय, बस यूँ समझ लीजिये, कि कम या न के बराबर सेवन किया जाय तो हो ठीक है.
सेवन करना ही है तो plant fats का सीधा प्रयोग करें, processed  hydrogenated तेलों का प्रयोग न के बराबर ही करें. Olive oil , सरसों तेल, मूंगफली का तेल, ये सब अच्छे माने गए हैं. और हाँ, faast food से दूर रखें, खुद को भी, और बच्चों को भी!
तो फिर McDonald  का बर्गर और 'french -fries ' या फिर KFC की 'Chicken -nuggets ' जो कि 'trans -fat ' से लबालब होते हैं, उन्हें खाया जाना चाहिए या नहीं, ये निर्णय मैं आप पर छोड़ता हूँ!

Picture Courtesy: http://www.bantransfats.com/